विशेष संवाददाता, मई 23 -- यूपी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को रात में भी क्रियाशील किया जाएगा। ताकि मरीजों को इलाज के लिए भटकना न पड़े। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को रात में भी सीएचसी पर मौजूद रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रात में सीएचसी का दौरा करने पहुंचेंगे। अगर स्टाफ नहीं मिला तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी। शासन ने सभी अपर स्वास्थ्य निदेशकों को सीएचसी को रात में खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 856 से अधिक है। हर सीएचसी के तहत तीन से पांच तक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। अस्पतालों का यह नेटवर्क सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। प्रदेश के तमाम सीएचसी दिन में तो बेहतर सेवाएं दे रहे हैं लेकिन अधिकांश में रात के समय सन्नाटा पसरा रहता है। वहां डॉक्टर य...