नई दिल्ली, जून 3 -- एलडीए में अब मकान-दुकान की रजिस्ट्री के लिए आवंटियों को बाबुओं और अधिकारियों के चक्कर नहीं लगते होंगे। उनके रहमों करम पर नहीं निर्भर रहना होगा। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इसके लिए 31 मई को आदेश जारी कर संपत्तियों के निबंधन की समय-सीमा तय कर दी है। इस एसओपी के लागू होने से आवंटियों का वर्षों से हो रहा शोषण रुकेगा और फाइलों को जानबूझकर रोकने वालों की जिम्मेदारी तय होगी। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि समीक्षा में जानकारी हुई कि रजिस्ट्री प्रक्रिया की फाइलें संबंधित अनुभागों को समय से नहीं भेजी जातीं, जिससे अनावश्यक विलंब होता है और प्राधिकरण की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कभी बाबुओं के पास फाइल रुकी रहती हैं तो कभी अधिकारियों के यहां। अब इस प्रक्रिया को अनुशासित करने के लिए विस्तृत एसओपी लागू की गई ...