संतकबीरनगर, जून 3 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में कभी शान की सवारी रही साइकिल अब गरीबी की निशानी बन गई है। बच्चों और अधेड़ उम्र के गरीब मजदूरों के अलावा कोई साइकिल से नहीं चलता। या फिर किसी को जरूरत हुई तो स्वास्थ्य के दृष्टिकोंण से साइकिल चलाता है। लोगों को मोटरसाइकिल चलाने का शौक और भागदौड़ की जिंदगी में जरूरत बढ़ने के कारण साइकिल की बिक्री घटकर एक चौथाई ही रह गई। जो लोग साइकिल खरीदने भी जा रहे हैं उनमें सबसे अधिक बच्चों की साइकिल शामिल है। वही बड़ों की साइकिल की बिक्री काफी घट गई है। वीआईपी लोग साइकिल का प्रयोग केवल जिम में कर रहे हैं। शहर के दुकानदारों की माने तो अब बिक्री काफी कम हो गई है। भारत की आर्थिक तरक्की में साइकिल ने बहुत अहम भूमिका निभाई है। आजादी के बाद से ही साइकिल देश में यातायात व्यवस्था का अहम हिस्सा...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.