लखनऊ, मार्च 28 -- लखनऊ, विशेष संवाददाता राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा कि बहुवर्षीय वितरण टैरिफ नियमन-2025 के बाद अब पावर कॉरपोरेशन और सभी बिजली कंपनियों को मान लेना चाहिए कि निजीकरण उचित नहीं है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि रेगुलेशन के मसौदे पर 19 फरवरी को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद गुरुवार को जिस नियमन को नियामक आयोग ने मंजूरी दी है, उसमें भविष्य के निजीकरण के प्रस्ताव को हटा दिया है। प्रस्ताव जनसुनवाई की दलीलों के बाद हटाया गया है। लिहाजा अब पावर कॉरपोरेशन को निजीकरण की जिद छोड़ देनी चाहिए।

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