गोरखपुर, जून 22 -- गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। प्राकृतिक विधि से शोधित हो रहे तकियाघाट और इलाहीबाग नाला के पानी को नदी में गिरने के पूर्व और बेहतर बनाने के लिए उसे तालाब से गुजरने के बाद राप्ती नदी में डाला जाएगा। खुदाई कर बनाए जा रहे तालाब की तलहटी में बोल्डर बिछाए जाएंगे। यहां नाले का पानी छनेगा और उसके बाद नदी में जाएगा। फिलहाल तालाब की खुदाई का काम शुरू हो गया है। पर्यावरणविद प्रो. सीआर बाबू की सलाह पर तकियाघाट नाला के प्रदूषित जल को प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमीडिएशन) से ट्रीट कर राप्ती नदी में डाला जा रहा है। नाले के अंदर 50-100 मीटर की दूरी पर समान पत्थर की चिनाई वाली दीवार का बनाई गई है। जहां पर यह दीवार बन गई है वहां पर पानी साफ होकर आगे जा रहा है। बीच-बीच में नाला के तल में पत्थर बिछाए गए हैं। जहां नाला कच्चा है वहां पर आर्द्रभूमि प्र...