लखनऊ, अक्टूबर 30 -- अब कूल्हा प्रत्यारोपण के लिए मरीज को बड़ा चीरा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। छोटे चीरे से मरीज का पूरा कूल्हा प्रत्यारोपण किया जा सकेगा। यही नहीं ऑपरेशन का दाग भी दिखाई नहीं देगा। अस्पताल से मरीज की जल्द छुट्टी होगी। कूल्हा प्रत्यारोपण के बाद मरीज सामान्य लोगों की भांति चल-फिर व बैठ सकेगा। अपने रोजमर्रा के काम भी पूर्व की भांति कर सकेगा। गुरुवार को केजीएमयू के एनॉटमी विभाग में कैडवर पर डॉक्टरों को नई तकनीक से कूल्हा प्रत्यारोपण का प्रशिक्षण दिया गया। भारतीय आर्थ्रोप्लास्टी एसोसिएशन का 21 वां राष्ट्रीय सम्मेलन गुरुवार से शुरू हो गया। नोएडा के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. डीपी शर्मा ने बताया कि कूल्हा प्रत्यारोपण की नई तकनीक बिकनी डायरेक्ट एनथीरियो एप्रोच मरीजों के लिए वरदान बन गई है। उन्होंने बताया कि अभी कूल्हा प्रत्यार...