नई दिल्ली, जनवरी 27 -- देहरादून, विनोद मुसान। यूसीसी में लिव-इन रिलेशन को लेकर छिड़ी बहस के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने खुद इसके नफा-नुकसान गिना दिए। उन्होंने कहा कि लिव-इन को कानून के दायरे में लाने का उद्देश्य किसी के बेडरूम में झांकना नहीं है, बल्कि यह महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के तहत उठाया गया एक अहम कदम है। दिल्ली में हुई हैवानियत से जुड़ी एक घटना का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि अब कोई श्रद्धा किसी आफताब की हैवानियत का शिकार नहीं होगी। दिल्ली में वर्ष 2022 में हुई एक घटना में श्रद्धा वॉकर नामक युवती को लिव-इन में रहते हुए उसके प्रेमी ने मौत के घाट उतार दिया था। 27 साल की श्रद्धा का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी। हैवानियत की हदों को पार करते हुए आफताब ने श्रद्धा के शव को 35 टुकड़ों में काटकर एक 300 लीट...
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