कन्नौज, नवम्बर 7 -- गुगरापुर, कन्नौज,संवाददाता। अब मनरेगा मजदूरों को हर दिन यह साबित करना होगा कि वे खुद काम पर मौजूद हैं, कोई और उनकी जगह नहीं। शासन ने ई-केवाईसी और फेस ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद फर्जी उपस्थिति और भुगतान में गड़बड़ी पर पूरी तरह रोक लगाना है। अब हर मजदूर को डिजिटल माध्यम से अपनी मौजूदगी का सबूत देना होगा। कन्नौज में मनरेगा के तहत 1 लाख 78 हजार 818 मजदूर पंजीकृत हैं। इनमें से अब तक करीब 26 हजार 516 मजदूरों की ई-केवाईसी पूरी की जा चुकी है। शेष मजदूरों की प्रक्रिया तेजी से जारी है। ग्राम पंचायत सचिवों और तकनीकी सहायकों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी सक्रिय मजदूरों का शीघ्र सत्यापन कराया जाए।केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पारदर्शिता के लिए नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) एप विकसित किय...