नई दिल्ली, जुलाई 4 -- रूस और यूक्रेन के युद्ध ने यूरोपीय देशों में मॉस्को को लेकर एक डर बैठा दिया है। दूसरी तरफ अमेरिका का नाटो को सैन्य खर्च बढ़ाने की धमकी भरी सलाह देना यूरोपीय देशों को बेचैन कर रहा है। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए जर्मनी के नए चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने चुनाव जीतते ही जर्मन सेना को महाद्वीप की सबसे ताकतवर सेना बनाने की कसम खाई है। अपनी इसी कसम को पूरा करने के लिए जर्मनी ने अब इजरायली मॉडल पर सैनिकों की संख्या बढ़ाने क लिए 6 महीने की स्वैच्छिक सैन्य सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन पर हुए रूसी हमले का हवाला देते हुए यूरोपीय देश लगातार अपने सशस्त्र बलों को ताकतवर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि यूरोपीय देशों के इस डर को मॉस्को ने सिरे से खारिज कर दिया है। मॉस्को ने यूरोपीय देशों की ...
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