नई दिल्ली, मई 9 -- मॉक ड्रिल सिर्फ एक औपचारिकता नहीं। वह प्रशिक्षण है जो वास्तविक संकट के समय जान बचाने में सहायक बनता है। वर्तमान में सीमा पर विवाद के बीच सिविल डिपेंस, आपदा प्रबंधन, एसपीओ, फायर विभाग आदि को विषम परिस्थितियों से निपटने को तैयार किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से समय-समय पर सिविल डिफेंस, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, एसपीओ और अन्य सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। लेकिन यह समझना जरूरी है कि सिर्फ सुरक्षाबलों को तैयार कर देना काफी नहीं है। जब तक आम जनता को भी आपातकालीन स्थिति में क्या करना है, इसका स्पष्ट ज्ञान नहीं होगा, तब तक किसी भी तैयारी को मुकम्मल नहीं माना जा सकता। युद्धकालीन या आपदा की स्थिति में कई बार संचार प्रणाली फेल हो जाती है। रास्ते बंद हो जाते हैं और अफरातफरी का माहौल बनता है। ऐसे में जागरूक और प्रशिक्षित ...