नई दिल्ली, अगस्त 14 -- Indian Economy: चेन्नई स्थित फाइनेंशियल प्लानर डी मुथुकृष्णन के अनुसार, भारत का आर्थिक विभाजन जितना दिखता है, उससे कहीं अधिक गहरा है। निचले 90% लोगों की कमाई राष्ट्रीय आय का सिर्फ 43% है और वे राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के आधे से भी कम पर गुजारा कर रहे हैं। एक्स पर एक पोस्ट में, मुथुकृष्णन ने भारत के आर्थिक ताने-बाने में गहरी संरचनात्मक असमानता को उजागर किया। जहां राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 2,700 डॉलर है, वहीं, टॉप 10% कमाने वालों को हटा देने पर यह आंकड़ा निचले 90% लोगों के लिए गिरकर सिर्फ 1,300 डॉलर रह जाता है। उन्होंने लिखा, "यह सब-सहारा अफ्रीका और पाकिस्तान से भी बदतर है। अगर आप टॉप 15 करोड़ लोगों में शामिल नहीं हैं, बल्कि बाकी 1.3 अरब लोगों का हिस्सा हैं, तो हर दिन सचमुच नरक है।"क्या ...