नई दिल्ली, जुलाई 4 -- साल 2021 में अफगानिस्तान में सत्ता में काबिज होने के बाद पहली बार तालिबान को मान्यता मिली है। ऐसा करने वाला रूस पहला देश बन गया है। कहा जा रहा है कि दुनिया के कई अन्य मुल्क तालिबान पर मानवाधिकार के मामले में रिकॉर्ड सुधारने का इंतजार कर रहे हैं। रूस का कहना है कि रूस के इस फैसले से द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे। गुरुवार को रूस ने अफगानिस्तान के राजदूत गुल हसन को स्वीकार कर लिया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमारा मानना है कि अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात की सरकार को आधिकारिक मान्यता देना अलग-अलग क्षेत्रों में हमारे देशों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाएगा।' हाल ही में रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुदेंको ने हसन से मॉस्को में मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तस्वीरों से पता चल रहा है कि मॉस्को में अफगान...
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