नई दिल्ली। हिन्दुस्तान, अप्रैल 13 -- दिल्ली की साकेत जिला अदालत से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के एक डॉक्टर को झटका लगा है। डॉक्टर ने अपने खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने से स्थायी छूट की मांग की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुगंधा अग्रवाल की अदालत ने एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. दीपक गुप्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यदि आरोपी को पेशी से स्थायी छूट दी जाती है, तो इससे पीड़िता का भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली से भरोसा टूट जाएगा। वहीं, आरोपी की उपस्थिति से उसे किसी प्रकार की असुविधा या अन्याय नहीं होगा। अदालत ने बताया कि दिल्ली पुलिस मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। 16 अप्रैल को आरोप तय करने को लेकर बहस की जाएगी। इन धाराओं में दर्ज...