बुलंदशहर, दिसम्बर 17 -- गुलावठी। एनपीजी कॉलेज में रसायन विज्ञान विभाग एकदिवसीय व्याख्यान के अंतर्गत दिगंबर जैन कॉलेज बड़ौत के रसायन विज्ञान के प्रो. हिमांशु बंसल ने अपशिष्ट जल और उसका शोधन विषय पर अपना व्याख्यान दिया। प्रो. बंसल ने अपने संबोधन में बताया कि अपशिष्ट जल वह जल है जो घरेलू, औद्योगिक, वाणिज्यिक या कृषि गतिविधियों के बाद दूषित हो जाता है, जिसमें मल, मूत्र, साबुन का पानी, रसायन और भारी धातुएँ के मिलने के बाद यह जल पीने योग्य नहीं होता है। परंतु इस जल को शुद्ध करके पीने योग्य बनाया जा सकता है। डॉ विनीता ने कहा कि अपशिष्ट जल पीने से विभिन्न तरह की बीमारियां जैसे हैजा, टायफाइड जैसी बीमारियां हो सकती हैं और यदि इनका सही समय पर उपचार न हुआ तो इस तरह के जल पीने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। डॉ विनय कुमार सिंह ने कहा कि अपशिष्ट जल ...