नई दिल्ली, नवम्बर 7 -- सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने वाले अपराधी छवि के उम्मीदवारों की लेकर अहम फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि हर कैंडिडेट को नॉमिनेशन फॉर्म में अपनी सारी पुरानी दोषसिद्धियां बतानी होंगी। चाहे अपराध छोटा हो, या फिर बाद में ऊपरी कोर्ट ने सजा रद्द कर दी हो। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और एएस चंदूरकर की पीठ ने कहा, 'खुलासा न करना मतदाता के हक का हनन है। इससे वोटर सही चुनाव नहीं कर पाता।' इसे छुपाने पर नामांकन रद्द हो सकता है। यह भी पढ़ें- SIR की वजह से पहले चरण में हुई अधिक वोटिंग? रिकॉर्ड मतदान के क्या हैं संकेत मध्य प्रदेश के भीकनगांव में नगर पार्षद पूनम इसी नियम की शिकार हुईं। उन पर चेक बाउंस (धारा 138) का केस था, जिसमें ट्रायल कोर्ट ने 1 साल जेल और जुर्माने की सजा दी थी। उन्होंने नामांकन में ये बात छुपा ली। बाद में हाई कोर्ट ने सज...