नई दिल्ली, जुलाई 24 -- सात वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद कड़कड़डूमा की महिला अदालत ने एक पीड़ित महिला को इंसाफ दिया है। अदालत ने घरेलू हिंसा से जुड़े मामले में पति की मौत के बाद बेघर कर दी गई महिला को ससुराल वाले वैवाहिक घर में नाबालिग बच्चे के साथ रहने का अधिकार दिया है।महिला ने दायर की थी याचिका न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सोनिका की अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला को उसके वैवाहिक घर से बिना कानूनी प्रक्रिया के निकाला नहीं जा सकता। यह आदेश याचिकाकर्ता महिला की ओर से दायर एक आवेदन पर सुनवाई के बाद पारित किया गया। महिला ने अपने ससुराल पक्ष द्वारा की गई क्रूरता और बेदखली की शिकायत की थी।2018 में घर से निकाला था याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष भदौरिया ने अदालत को बताया कि महिला की शादी 30 नवंबर 2011 को विनय कुमार (अब मृत) से हुई थी। ...