लखनऊ, जनवरी 30 -- लखनऊ, संवाददाता। गायत्री शक्तिपीठ दुगावां में आयोजित पावन प्रज्ञा पुराण कथा में गुरुवार को श्रद्धालुओं ने ऋषि अष्टावक्र की कथा के साथ ही मधुर भजनों का रसपान किया। कथावाचक केके श्रीवास्तव ने कहा कि हम सब का जीवन चंदन की बाग की तरह अनमोल है। लेकिन हम उस बाग के एक -एक पेड़ों को जलाकर कोयला बनाकर नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें यह शरीर और सभी अंगों को 100 वर्षों तक चलने योग्य बनाया है। लेकिन हम सब अपने पाप कर्मों से उसे खराब कर देते हैं। इससे जीवन छोटा और शरीर बीमार हो जाता है। इससे पूर्व उन्होंने कथा का प्रारम्भ ऋषि अष्टावक्र की कथा से किया। मीडिया प्रभारी सुनील वैश्य ने बताया कि कथा प्रतिदिन एक फरवरी तक दिन में दो बजे से छह बजे तक होती है। इससे पहले सुबह 8.30 से सामूहिक गायत्री यज्ञ व संस्कार होते हैं।

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