लातेहार, जून 20 -- बेतला, प्रतिनिधि । अपने-पराए की सही पहचान के लिए जीवन में विपत्तियों का होना जरूरी है। ये बातें अयोध्या से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक पं० प्रद्युम्न शरण ने सरईडीह में आयोजित पांच दिनी संगीतमय श्रीराम कथा के दूसरे दिन बुधवार को कही। उन्होंने इस संबंध में रामचरितमानस की चौपाई 'धीरज,धर्म, मित्र अरु नारी,आपदकाल परखिए चारी' का जिक्र करते कहा कि विपत्ति काल में अपने वास्तविक धैर्य, धर्म,मित्र और पत्नी की पहचान होती है। कथा में इस दिन खराब मौसम होने के बावजूद अधिक संख्या में श्रद्धालु शामिल थे।

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