लातेहार, मई 25 -- मनीष उपाध्याय लातेहार। जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के सुप्रीमो पप्पू लोहरा का अंत बड़ा ही दर्दनाक हुआ। अपना घर लूंडी से कुछ ही दूरी पर वह पुलिस के हाथों मारा गया। उसका आतंक इस कदर था कि उसके इशारे के एक पत्ता भी नहीं हिलता था। लातेहार, लोहरदगा और पलामू में इसकी इतनी दबदबा थी कि कोई भी काम में लेवी नहीं मिलता तो बड़ी घटना को अंजाम दे देता था। मालूम हो कि पप्पू लोहरा से माओवादी भी खौफ खाते थे। यही कारण था कि 15 सालों से वह जेजेएमपी का सुप्रीमो बनकर माओवादियों को अपने इलाके में चढ़ने नहीं दिया। पप्पू लोहार पहले माओवादी में ही था। माओवादी में रहते हुए वह संगठन के साथ गद्दारी किया था, जिस कारण से मौत का फरमान उस पर जारी किया गया था। परंतु वह माओवादियों को चकमा देकर भाग निकला। संजय यादव के मारे जाने के बाद वह संगठन का सुप्रीमो बन ...