नई दिल्ली, सितम्बर 5 -- सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्यकांत ने शुक्रवार को यहां एक विधि महाविद्यालय के स्नातकों को सलाह दी कि वे अपनी रुचियों और जुनून को विकसित होने दें। जस्टिस सूर्यकांत ने यहां दामोदरम संजीवय्या राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (डीएसएनएलयू) के छात्रों के कई बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विकसित होती रुचियों और जुनून को भ्रम के रूप में नहीं बल्कि विकास के संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपकी रुचियां और जुनून विकसित होंगे, और जैसे-जैसे वे विकसित होंगे, आपके उद्देश्य की भावना भी बदलेगी। कानून के पेशे पर विचार करते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कुछ लोगों को वकालत में, कुछ को कॉरपोरेट जगत में और कुछ को शिक्षण, सार्वजनिक सेवा या पूरी तरह से अप्रत्याशित रास्तों में अपना जुनून मिल सकता है। उन्ह...