मैनपुरी, सितम्बर 4 -- नगर के जैन मंदिर में चल रहे दसलक्षण महापर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म पर जबलपुर के जैन विद्वान पंडित अभिनय शास्त्री ने श्रद्धालुओं को त्याग के वास्तविक अर्थ से परिचित कराया। कहा कि बाहरी वस्तुओं को छोड़ने से पहले मन के विकारों और कषायों का त्याग करना ही सच्चा उत्तम त्याग है। उत्तम त्याग धर्म हमें परिग्रह की सीमा और आसक्ति के भाव को कम करने की शिक्षा देता है। जैन विद्वान ने कहा कि सच्चा त्यागी वही है जो अपनी इच्छाओं को सीमित रखता है और दूसरों की भलाई के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करता है। केवल धन-दौलत का त्याग ही त्याग नहीं है, बल्कि क्रोध, मान, माया और लोभ जैसी बुराइयों का त्याग करना ही वास्तविक त्याग है जो आत्मा को निर्मल बनाता है। श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर व पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में प्रतिदिन सुबह अ...