देहरादून, नवम्बर 25 -- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि दूसरे राज्य के अनुसूचित जाति के ऐसे मूल निवासियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा, जो शादी के बाद उत्तराखंड में आकर बसे हैं। जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने यह फैसला श्रीमती अंशु सागर समेत कुल 32 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया। इनमें से ज्यादातर याचिकाएं ऐसी महिलाओं की तरफ से दायर की गई थीं, जो अन्य राज्यों की मूल निवासी थीं, लेकिन शादी के बाद वे उत्तराखंड आकर बस गई थीं। यूं तो हाई कोर्ट ने यह फैसला बीती 12 नवंबर को सुनाया गया था लेकिन आदेश की प्रति मंगलवार यानी 25 नवंबर को प्राप्त हुई। पीठ ने माना कि आरक्षण का अधिकार क्षेत्र विशेष से होता है और यह स्थान बदलने के साथ स्थानांतरित नहीं होता है। याचिकाकर्ता अंशु सागर मू...