मेरठ, मार्च 16 -- मेरठ। अन्नपूर्णा मंदिर परिसर में होली के अवसर पर हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत सुरेश चंद पुष्पदीप, ब्रजभूषण गुप्ता, अतुल अग्रवाल, राजकेसरी व रवि विश्नोई सहित अतिथियों ने की। मां शारदे की वंदना से कवयित्री रामकुमारी ने की। कवि संजीव त्यागी ने 'गद्दारों की बोली से हम भारत शर्मिंदा हैं, इनके शीश उड़ाने को हम परशुराम अभी जिंदा हैं। सुनाकर तालियां बटोरी। कवि डा.सुदेश यादव दिव्य ने तुम्हारे पास गर होते तुम्हें अपना बना लेते, भुलाना तो न बस में था मगर दिल में बसा लेते सुनाकर आनंदित किया। कवि ईश्वर चंद गंभीर ने कहा-होली खेलो जमकर खेलो, लेकिन इतना ध्यान रहे, भईया भी नाराज न हो और भाभी का सम्मान रहे। कवि सौरभ जैन सुमन ने कहा, ज्ञानवापी से, कुतुब से, ताज से भावभीनी वो विदाई चाहता है, जानता है सत्य शायद इसलिए, ...
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