अमरोहा, जुलाई 4 -- क्षेत्र के गांव शेखुपुर झकड़ी में चल रहे गुरु पूर्णिमा महोत्सव व श्रीराम कथा आयोजन के दूसरे दिन गुरुवार को कथा व्यास छवी नाथ दुबे ने भगवान श्रीराम की बाल लीलाओं वर्णन सुनाया। कहा कि पूजा में भाव की महत्ता होती है। प्रभु सिर्फ भक्त के भाव को ही देखते हैं। कहा कि यदि राम को पाना चाहते हैं तो वह केवल अनुराग से ही मिलेंगे। हमें उनकी छवि को अपने मन में बसाना होगा। कहा कि जब श्रीराम ने दशरथ नंदन के रूप में माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया तो अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ गई। दासियां दौड़ पड़ीं और अयोध्या सजने लगी। हर जन में उत्साह छा गया। पूरे नगर में शहनाई की गूंज सुनाई दी। कहा कि श्रीराम की बाल लीला संसार की सबसे सकारात्मक, सुखद और आनंदमयी लीला है। भगवान राम की बाल लीला में ही उनका साम्यवादी चिंतन एवं क्रियात्मक रूप स्पष्ट ह...