भुवनेश्वर, जुलाई 2 -- उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में महिलाओं को मिलने वाली मैटरनिटी लीव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अनुबंध पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश और उससे संबंधित लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि महज रोजगार की प्रकृति के आधार पर ऐसे लाभ देने से इनकार करना नारीत्व के प्रति अच्छी भावना नहीं पेश करता है। कोर्ट में अनिंदिता मिश्रा नाम की एक महिला से जुड़े मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी। महिला ने मई 2014 में राज्य सरकार के साथ अनुबंध पर काम करना शुरू किया गया था। अगस्त 2016 में महिला ने एक बच्ची को जन्म देने के बाद छह महीने के मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया। हालांकि सभी जरूरी दस्तावेज जमा करने बावजूद राज्य सरकार ने उसके अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मातृत्व लाभ...
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