गंगापार, जून 2 -- जिम्मेदारों की लापरवाही कहें या अनदेखी जिसके कारण गांवों में बने सामुदायिक समुदायिक शौचालयों का ताला तक नहीं खुल सका। गांवों को साफ-सुथरा बनाने की मंशा लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करके गांवों में बनाए गए सामुदायिक शौचालय स्थानीय प्रशासन से लेकर तहसील प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही के चलते बेकार साबित हो रहे हैं। गांवों में बने शौचालयों में न तो सीट बैठाई गई है और न ही पानी की व्यवस्था ही की गई है। शौचालयों में पूरे समय ताला लटकता रहता है। परिणाम स्वरुप गांव के लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर है। इसका जीता जागता उदाहरण विकासखंड मेजा के ग्राम पंचायत कौहट में बनाया गया सामुदायिक शौचालय हैं। जिसमें आज तक न हीं सीट बैठाई गई है और न ही पानी की उचित व्यवस्था ही की गई है। गांव निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बलर...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.