औरंगाबाद, नवम्बर 21 -- अनुदानित बीज वितरण योजना में फर्जी लाभुकों की सक्रियता बढ़ने से वास्तविक किसान परेशान हैं। बीज उठाव के दौरान भीड़ इतनी अधिक रहती है कि असली लाभुकों तक बीज पहुंच ही नहीं पाता। कई प्रगतिशील किसानों ने बताया कि लंबी कतारों में घंटों खड़े रहने के बाद भी बीज मिलना मुश्किल हो जाता है, इसलिए वे मजबूरी में खुले बाजार से ही बीज खरीदने को विवश हैं। कृषि विभाग विभिन्न मौसमों में किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराता है। अनुदानित बीज की कीमत बाजार दर से काफी कम होती है, इसी कारण इसके वितरण की घोषणा होते ही भारी संख्या में महिला-पुरुष लाइन में लग जाते हैं। विभाग पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर वितरण कराता है। भीड़ इतनी अधिक होती है कि वास्तविक और फर्जी लाभुकों की पहचान कर पाना लगभग असंभव हो जाता है। किसानों ने बताया कि कई बार फ...