बहराइच, जून 28 -- रिसिया। अध्यात्म, ध्यान और ज्ञान से हमे मानसिक शांति के साथ असीम अनुभित का अनुभव होता है। सत्संग से ही ज्ञान मिलता है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए गीता, रामायण, वेद, अर्थ वेद का ज्ञान जरूरी है। धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए बच्चों को साहसी बनाने के लिए सनातन धर्म का पालन कराना होगा। यह बाते हरिद्वार से आए महात्मा ज्ञान शब्दा नंद ने शनिवार को रिसिया में आयोजित सत्संग के दौरान कही। संचालन मिथलेश साहू ने किया। महात्मा ने श्रीरामचरितमानस पर बहुत ही सुंदर ढंग प्रवचन किया, और राम तथा केवट संवाद का बड़े ही मार्मिक ढंग से संगीत मयी भजनों के साथ बखान किया। राम नाम के तीन अक्षर को आत्मसात कर लेने से भव सागर पार हो जायेगे। मन के मंदिर में ध्यान लगाने अनंत काल की अनुभूति होती है , भजन मेंराम ने केवट से कहा, कि नाव लाओ हमे नदिया पार...