गिरडीह, अगस्त 14 -- पीरटांड़। अध्यात्म, पर्यटन व पर्यावरण संतुलन का अद्भुत संगम बन गया है झारखण्ड-बिहार की सबसे ऊंचा पहाड़ पारसनाथ। पारसनाथ जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल के साथ स्थानीय आदिवासियों के लिए मरांग बुरु के रुप में भी पूजनीय है। पहाड़ के सौंदर्य, हरियाली व आबोहवा पर्यटकों को खूब लुभा रही है। पर्यावरण संरक्षण से लेकर क्षेत्र के स्वच्छता में स्थानीय समिति का महत्वपूर्ण योगदान है। बताया जाता है कि देश भर में ख्याति प्राप्त झारखण्ड बिहार की धरोहर सम्मेदशिखर पारसनाथ न केवल जैन अनुयाइयों के लिए आस्था का केंद्र है बल्कि पर्यावरण दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। समुद्र तल से लगभग 1365 मीटर ऊंचे पारसनाथ पर्वत पर जैन धर्म के विभिन्न तीर्थंकरों ने साधना-आराधना कर निर्वाण को प्राप्त किया है। पहाड़ की चोटियों में तीर्थंकरों का पद चिन्ह...