बिजनौर, जून 5 -- जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया ने बताया कि वर्तमान में खरीफ फसलों की बुवाई का कार्य मुख्यत: माह जून से कृषकों द्वारा प्रारम्भ कर दिया गया है। जिसमें बुवाई के समय फसल बेसल-ड्रेसिंग में मुख्यतया फास्फेटिक उर्वरकों यथा डीएपी, एनपीके, एसएसपी एवं एमओपी उर्वरको का प्रयोग किया जाता है। वर्तमान में गन्ने की फसल की टाप-डेंकिग का कार्य भी किया जा रहा है, जिस के लिए यूरिया उर्वरको की मांग अधिक है। जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया ने बताया कि यूरिया, डीएपी,एनपीके काम्प्लेक्स एवं एमओपी की निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य दर के अन्तर्गत बिक्री सुनिश्चित कराई जाय। यदि कोई उर्वरक विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर उर्वरक बिक्री करता पाया जाता है तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के प्राव...