ललितपुर, फरवरी 4 -- ललितपुर। साधना के सुमेरू, विलक्षण आध्यात्मिक यात्रा के पथिक, अध्यात्म सरोवर के राजहंस आचार्यश्री विद्यासागर महाराज की प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित संगोष्ठी में श्रद्धालुओं ने उनको धरती का भगवान बताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ जैन ही नहीं, भारत के सभी जाति धर्मों के लोग आचार्यश्री के लिए अगाध आस्था रखते हैं। वक्ताओं ने कहा कि आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज युग द्रष्टा, अनासक्त महायोगी, भारतीय संस्कृति के उन्नायक, विलक्षण आध्यात्मिक यात्रा के पथिक, अध्यात्म सरोवर के राजहंस, सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र के महानद, साधना के सुमेरू, अपनी कल्याणकारी वाणी से जन जन को प्रभावित करने वाले अद्वितीय महान संत थे। वह न केवल श्रमण संस्कृति के दैदीप्यमान नक्षत्र थे बल्कि पूरी भारतीय संस्कृति को उन्होंने अपनी साधना से गौरवान्वित किया। वे पंचमक...