नई दिल्ली, नवम्बर 19 -- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि उसे अदालत की आलोचना से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी भी तरह के व्यापक आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिस्वर सिंह की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप शर्मा को आगाह किया, जिन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज पर कुछ आरोप लगाए हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील से कहा कि आपने कई अच्छे मुद्दे उठाए हैं, लेकिन आप किसी पर भी व्यापक आरोप नहीं लगा सकते। हमें अदालत की आलोचना से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह उचित तरीके से होनी चाहिए। वकील ने पीठ को बताया कि हाईकोर्ट ने शर्मा द्वारा बिना शर्त माफी मांगने पर अवमानना का आरोप हटाते हुए, पौधारोपण का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि चंडीगढ़ को हर...