नई दिल्ली, दिसम्बर 20 -- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतें हमेशा जानवरों के पक्ष में रहेंगी, क्योंकि जब इंसान और व्यावसायिक गतिविधियां उनके प्रवास मार्गों को अवरुद्ध करती हैं, तो वे चुपचाप पीड़ा झेलते हैं। सीजेआई सूर्यकांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली की पीठ ने नीलगिरी के होटल और रिजॉर्ट मालिकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि इस मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दी। पीठ ने कहा, आप सभी वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए यहां हैं और आपके निर्माण हाथियों के गलियारे में आते हैं। ये निर्माण हाथियों की आवाजाही में बाधा डालते हैं। फायदा उन जानवरों को मिलना चाहिए, जो इन व्यावसायिक गतिविधियों का खामियाजा भुगतते हैं। नीलगिर...