नई दिल्ली, जुलाई 16 -- हर व्यक्ति के जीवन में कभी ना कभी कोई एक ऐसा पल जरूर आता है जब वो जीवन से निराश, खुद को कमजोर और बिखरा हुआ पाता है। यह वो पल होता है जब दर्द के निशान शरीर से ज्यादा दिल पर लगे दिखाई देते हैं। दर्द के इन घावों को भरने के लिए व्यक्ति को किसी थेरेपी या समय की जरूरत नहीं होती बल्कि कोई शांत जगह या पल, दिल को सुकून और राहत देता है। भारत में कई ऐसे इमोशनल डेस्टिनेशन हैं, जहां पहुंचकर लोग बिना किसी की परवाह किए दिल खोलकर रोते हैं। जहां पहुंचकर उनका दर्द सुकून और शांति में बदल जाता है। यहां लोग सिर्फ अपना पास्ट भूलने के लिए नहीं, बल्कि अपने साथ दूसरों को भी माफ करने के लिए आते हैं। अगर आप भी अपनी लाइफ में किसी गलती के बोझ, दुख या अपनों को खोने के दर्द से गुजर रहे हैं तो खुद से भागिए नहीं बल्कि जीवन में शांति और सुकून फील कर...