नवादा, मई 6 -- नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जातीय जनगणना के आधार पर अति पिछड़ा समाज की हक और भागीदारी सुनिश्चित होने का वक्त बीतता चला जा रहा है। बिहार में जातीय जनगणना हुए दो वर्ष बीत चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक अति पिछड़ा समाज को कोई लाभ नहीं पहुंचाया है। यह आरोप कांग्रेस नेता डॉ.केपी सिंह ने लगाते हुए कहा कि इस प्रकार अति पिछड़ा समाज के आरक्षण को नुकसान पहुंचाते हुए इसे हाशिए पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में रहा हूं, लेकिन हमारा स्पष्ट मानना है कि सिर्फ जनगणना करा देना काफी नहीं। बिना ठोस नीति निर्माण और न्यायपूर्ण भागीदारी तय किए यह महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी। मोदी सरकार ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी के लगातार दबाव के बाद जातीय जनगणना को लेकर सहमत तो हुई है, लेकिन जरूरी यह भी है...
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