मोतिहारी, जुलाई 14 -- शहर के हृदयस्थल पर अवस्थित ऐतिहासिक मोतीझील इन दिनों अतिक्रमण, गंदगी और प्रशासनिक उदासीनता की चपेट में है। नगरवासियों की शान समझी जाने वाली यह झील अब खुद को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। नगर निगम द्वारा मोतीझील के सौंदर्यीकरण हेतु योजनाएं तो बनाई गईं, लेकिन उसकी कार्यप्रगति काफी धीमा है। घाटों का निर्माण अधूरा है, पथ-निर्माण रुका पड़ा है और कार्यस्थलों पर सक्रियता नगण्य है। नागरिकों में रोष है कि यह कार्य केवल टेंडर और भुगतान के इर्द-गिर्द सिमटकर रह गया है। अगर, समय रहते ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो मोतिहारी की यह पहचान हमेशा के लिए मिट सकती है। अवैध निर्माण से सिकुड़ रहा आकार : शहर की प्रो़ संध्या चौधरी, संजय कुमार, रविशंकर कुमार, रितेश कुमार, फिरोज आलम, समीम अहमद आदि ने बताया कि मोतीझील के चारों ओर कई जगहों पर अवैध ...
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