नई दिल्ली, नवम्बर 6 -- केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर पवित्र स्थल में सीसीटीवी कैमरे लगाने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने कहा कि कैमरे केवल उन सार्वजनिक रास्तों और गलियारों में लगाए जा रहे हैं, जो दरगाह के अंदरूनी हिस्से तक ले जाते हैं। कैमरे लगाने का उद्देश्य सुरक्षा बढ़ाना और जेबकतरी, छेड़छाड़ व चोरी की घटनाओं को रोकना है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने केंद्र की इस बात को नोट किया और सरकार को निर्देश दिया कि अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जाए। कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया तीन महीने में पूरी की जाए। यह आदेश दरगाह के खादिम सैयद मेहराज मियां की याचिका पर दिया गया। याचिका में केंद्र द्वारा नियुक्त नाजिम के उस फैसले को चुनौती दी ...