गोपालगंज, मार्च 8 -- गोपालगंज, एक संवाददाता । भगवान श्रीराम अपने कुल की मर्यादा को ध्यान में रखकर व अपने पिता के वचन की रक्षा के लिए प्रसन्न होकर सारा राज-पाट त्याग कर वन चले गए। इससे हमें सीख लेनी चाहिए कि हमें स्वयं की चिंता न करते हुए यदि जरूरत पड़े तो अपने परिवार, समाज व देश के लिए सब कुछ त्याग देना चाहिए । अच्छे कार्यों को टालने की जगह शीघ्र करना ही श्रेस्कर होता है। उक्त बातें लोकनाथ श्री विष्णु धाम मंदिर परिसर में चल रहे रुद्र महायज्ञ के सातवें दिन कथा व्यास मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कही । कहा कि आज के बुजुर्गों को राजा दशरथ से प्रेरणा लेनी चाहिए और शरीर में ताकत रहते ही व आंख की रोशनी रहते ही सारी जिम्मेदारी अपने उत्तराधिकारी को सौंपकर भगवान के सुमिरन में लग जाना चाहिए। राजा दशरथ ने अयोध्या वासियों के समक्ष श्रीराम के रा...