बगहा, जून 2 -- त्येक वर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। साइकिल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। साइकिलिंग ऐसा खेल है जिसे ओलंपिक में मान्यता मिल चुकी है। खिलाड़ी इसमें मेडल लाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। पश्चिम चंपारण जिले में कई ऐसे साइकिलिंग के खिलाड़ी हैं जो मेहनत तो करते हैं लेकिन राज्य और नेशनल लेवल तक पहुंचने के बाद आगे नहीं बढ़ पाते हैं। वे ओलंपिक में भारत का नेतृत्व करना चाहते हैं इसके लिए जो फिटनेस चाहिए व साइकिल चाहिए वह उन्हें मिल नहीं पा रहा है। लोकल स्तर पर साइकिल को अपग्रेड कराकर वह प्रैक्टिस करते हैं। संसाधन के अभाव में साइक्लिंग करने वाले खिलाड़ी सोनू कुमार बताते हैं कि जिले में कहीं भी साइकिल का ट्रैक नहीं है। सरकारें सड़क बनवा देती हैं लेकिन साइकिल का...