चतरा, सितम्बर 3 -- टंडवा निज प्रतिनिधि गणेश महोत्सव सह श्री मद्भागवत कथा पुराण महायज्ञ भक्ति की बयार डूब चुका है। कथा प्रवचन के पांचवें दिन आचार्य जयनारायण मिश्र ने कहा कि कथा श्रवण करने से विवेक जागृत होती है, गलत जगह मस्तिक को गलत कार्य करने का संदेश देगा, मन सही जगह लगेगा तो सत्कर्म होगा। उन्होंने कहा मन तब बिगड़ता है जब संग कुसंग हो जाता है, युवा ख्याल रखे कि अच्छी संगत में रहे सत्पुरूषों के साथ से जीवन में मिठास आयेगी। व्यक्ति शांति का अनुभव चाहता है तो भगवान की शरण में ध्यान लगाएं। उन्होंने कहा कि मन का भटकाव सबसे ज्यादा युवाओं में होती है, युवाओं को तत्व ज्ञान की आवश्यकता है, मनुष्य जीवन जो मिला है वह तत्व को जानने के लिए मिला है तत्व ही हमारी पहचान है, आत्मा की आवाज ही परमात्मा की आवाज होती है। आत्मा के साक्षात्कार के लिए ध्यान प्र...