नई दिल्ली, मार्च 11 -- महात्मा बुद्ध का प्रवचन सुनने एक युवक प्रतिदिन आता था। कई दिनों तक प्रवचन सुनने के बाद युवक को लगा कि वह लगातार प्रवचन सुनने आ रहा है लेकिन इसके बावजूद उसके जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा है। जैसा वह पहले था, वैसा ही वह अब है। इसका क्या कारण है। बहुत सोचने के बाद वह इस नतीजे पर पहुंचा कि उसे इस संबंध में बुद्ध से चर्चा करनी चाहिए। यह सब सोचकर वह युवक अगले दिन बुद्ध के पास गया और अपनी शंका के बारे में बताते हुए कहा कि वह रोज उनके प्रवचन सुनने आता है लेकिन इसके बावजूद उसके जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया है। आखिर इसका क्या कारण है कि उसे उनके प्रवचनों को कोई लाभ क्यों नहीं मिल रहा है। यह भी पढ़ें- राग-रंग से परे होकर रंग जाना ही होली है तथागत उस युवक की बात बहुत शांत भाव से सुनते रहे। जब वह युवक अपनी बात कह कर चुप हु...