गोरखपुर, सितम्बर 16 -- जीएसटी काउंसिल द्वारा बैटरी पर जीएसटी 28% से घटकर 18% किए जाने का असर बिक्री पर साफ दिख रहा है। ई-रिक्शा से लेकर कमर्शियल वाहनों में बहुत जरूरी नहीं होने पर लोग बैटरी की खरीद को 22 सितम्बर तक के लिए टाल रहे हैं। नतीजतन, सस्ते के इंतजार में इन्वर्टर-बैटरी की बिक्री 70% तक गिर गई है। बैटरी का कारोबार अब पूरे साल चलता है। घरों में इन्वर्टर-बैटरी की बिक्री तो रहती ही है, बाइक और स्कूटर में किक स्टार्ट खत्म होने से बैटरी पर निर्भरता बढ़ गई है। वहीं ई-रिक्शा की संख्या भी साल दर साल बढ़ रही है। नतीजा यह है कि मोहल्लों में बैटरी चार्जिंग के स्टेशन खुल गए हैं। लोगों के लिए यह रोजगार का नया जरिया बन गया है। दो दशक से बैटरी कारोबार से जुड़े दीपक जायसवाल का कहना है कि घरों में प्रयोग होने वाली बैटरी और इन्वर्टर 16000 से लेकर 22...