पलामू, जनवरी 31 -- मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। महाकुंभ मेला में मौनी अमावस्या को तड़के एक से दो बजे के बीच मची भगदड़ में धर्मपत्नी गायत्री देवी की जान बचाने में, मैं सफल नहीं हो सका। महाकुंभ से पत्नी का शव लेकर बुधवार की देर रात में पैतृक गांव राजहरा लौटा और उनका अंतिम संस्कार गांव के ही झरना नदी के तट पर गुरुवार को किया। मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि पत्नी व अन्य रिश्तेदारों के साथ दो दिन पूर्व हंसी-खुशी के साथ प्रयाग संगम में मौनी अमावस्या स्नान के लिए गए थे और बेजान पत्नी के साथ वापस लौटे। अभी तक मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे और क्या हुआ। पत्नी व पुत्र आशीष के साथ बुधवार को तड़के मैं संगम किनारे बैठकर मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान की तैयारी में थे। अचानक झटका लगा और हम तीनों जमीन पर गिर गये। उसके बाद तो सिर्फ पदचाप ही कानों में सु...