मुजफ्फर नगर, दिसम्बर 19 -- अग्रसेन भवन ए टू जेड रोड पर अग्र भागवत कथा में महामंडलेश्वर नर्मदा शंकर पूरी ने बताया कि महाराजा अग्रसेन 17 यज्ञ पूरे हो गये थे, 18 वें यज्ञ में पशु की बलि दी जानी थी लेकिन अग्रसेन जी ने पशु की बलि देने से मना कर दिया। सबने समझाया कि क्षत्रीय हो कर बलि देना अनिवार्य है, तो उसके बाद अग्रसेन जी ने वैश्य धर्म अपनाकर 18वां यज्ञ पूरा किया। इस प्रकार 18 गोत्र हुए। कथा में पूर्व विधायक अशोक कंसल, सत्यप्रकाश गर्ग रेशु, शैल गर्ग,अरुण बंसल, रूपंकर गुप्ता, रुचि गुप्ता, विपिन,प्रदीप सिंहल, नरेश गुप्ता सभासद, सपना देवी, सुनील तायल आदि सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने एवं पुरुषों की।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...