नई दिल्ली, जुलाई 31 -- देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से व्यक्ति का भाग्योदय होना तय है। देवगुरु बृहस्पति को गुरु को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह कहा जाता है। बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। अगस्त माह में गुरु 2 बार नक्षत्र परिवर्तन करेंगे। सबसे पहले गुरु 13 अगस्त 2025 को पुनर्वसु नक्षत्र के पहले पद में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 30 अगस्त को इसके दूसरे पद में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार गुरु की 2 बार चाल बदलने से कुछ राशि वालों का भाग्योदय हो जाएगा। आइए जानते हैं, गुरु की 2 बार चाल बदलने से किन राशि वालों को होगा फायदा- वृषभ राशि : वृषभ रा...