नई दिल्ली, जुलाई 23 -- कई बार जीवन ऐसे मोड़ पर ला कर खड़ा कर देता है कि हम रिश्तों और भावनाओं के बीच उलझ जाते हैं। खासतौर से जब बात अपने मां-बाप से जुड़ी हो। वो मां जिसने जीवन दिया और पिता जो जीवन का आधार हैं। संत प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में आए एक युवक का उनसे कुछ ऐसा ही प्रश्न था। युवक का कहना था कि उनके पिता उनकी माता के साथ गाली-गलौच करते हैं, अभद्र व्यवहार करते हैं। स्वाभाविक है कि एक पुत्र होने के नाते, उनसे ये सब सहा नहीं जाता। ऐसे में माता-पिता दोनों का सम्मान करते हुए, इस स्थिति से कैसे निपटा जाए, वो इसी असमंजस का समाधान प्रेमानंद महाराज से मांग रहे थे। प्रेमानंद जी महाराज ने इसपर अपने क्या विचार रखे, आइए जानते हैं।प्रेमानंद जी महाराज ने दी ये सलाह सत्संग में आए युवक का कहना था कि बचपन से ही उनके पिता उनकी माता के साथ अभद्र ...