सासाराम, मार्च 11 -- डेहरी, एक संवाददाता। होली की अपनी अलग ही पहचान है। शुद्ध सांस्कृतिक रूप से मनाए जाने वाले होली में हंसी ठिठोली के बीच गाए जाने वाले फगुआ में श्रृंगार रस के साथ वीर रस की प्रधानता रही है। सामाजिक एकता और सौहार्दपूर्ण वातावरण में होली पर्व को मनाने की तैयारी सभी जगह पूरी कर ली गई है।

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