शामली, नवम्बर 23 -- चेतना समकालीन साहित्यिक संस्था द्वारा गत रात्रि एक रेस्तरां में भव्य काव्य संध्या का आयोजन किया गया। इस संध्या में क्षेत्र के कई प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदा सरस्वती की वंदना के साथ हुआ, जिसे संस्था के सचिव डॉ. नीलेश वशिष्ठ ने प्रस्तुत किया। कवित्री श्वेता शर्मा ने "जीने की आरज़ू में, मरे जा रहे हैं लोग" कविता के साथ काव्य संध्या का आग़ाज़ किया। इसके बाद कवि अजीत आर्य ने अपनी रचना "अखबार की सुर्खियां-सी हैं तुम्हारी आंखें" सुनाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हास्य कवि अनिल कामचोर (पोपट) ने अपनी व्यंग्य रचना "सूखी रोटी पचती नहीं और हलवा खाने को जी चाहता है" से सभा को ठहाकों से भर दिया। कवित्री डॉ. अर्चना शर्मा की रचना "कस लेती है मन के बेलगाम घोड़ों को चरित...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.