गोरखपुर, मई 25 -- गोरखपुर, निज संवाददाता। आस्था और परंपरा का संगम लिए वट सावित्री व्रत 26 मई को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन व्रती महिलाएं पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए बरगद की पूजा करती हैं। ज्योतिषाचार्य पं. शरद चंद मिश्रा बताते हैं कि शास्त्रीय दृष्टिकोण से यह तीन दिन तक चलने वाला व्रत है, लेकिन व्यवहार और प्रचलन के चलते यह 26 मई दिन सोमवार को ही मनाया जाएगा। 26 मई को सूर्योदय 5 बजकर 18 मिनट और कृष्ण चतुर्दशी का मान दिन में 10 बजकर 54 मिनट तक पश्चात अमावस्या तिथि है। इस व्रत का पूजन-अर्चन अपराह्न के पश्चात ही किया जाता है इसलिए यही दिन इस व्रत के लिए मान्य रहेगा। इस दिन भरणी नक्षत्र प्रातः काल 7 बजकर 20 मिनट पश्चात कृत...