मुंगेर, जुलाई 16 -- मुंगेर/तारापुर, हिन्दुस्तान टीम। मिथिलाचंल के नवविवाहितों के अखंड सौभाग्य की कामना को लेकर किया जाने वाला लोकपर्व मधुश्रावणी मंगलवार से शुरू हो गया। सुबह नवविवाहितों ने व्रत में रहकर विधि विधान से शिव-पर्वती एवं नाग देवता की अराधना कर पूजा शुरू की एवं व्रत से संबंधित कथा सुनी। मिथिलांचल की संस्कृति और परंपरा का यह पर्व नवविवाहितों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मधुश्रावणी व्रत श्रावण कृष्ण पक्ष पंचमी से शुरू होकर शुक्ल पक्ष तृतीया को संपन्न होता है। व्रत के पहले दिन नवविवाहितों ने नये वस्त्र पहनकर एवं शृंगार कर पूजा शुरू की। नवविवाहितों ने पूजा मंडप में गौरी-महादेव, नाग-नागिन की मिट्टी से बनी मूर्तियों को स्थापित कर आराधना की। हर दिन पूजा का अलग-अलग विधान होता है। पूजा के दौरान व्रती को नागपंचमी, मंगला गौरी, म...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.